अधिदेश
रेल विकास निगम लिमिटेड की स्थापना निम्नांकित उद्देश्यों के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में की गई थी :
- रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित परियोजनाओं के विकास, वित्तपोषण और कार्यान्वयन को शुरू करना और सफलतापूर्वक पूरा करना;
- परियोजना कार्यान्वयन के लिए वित्तीय और मानव संसाधन जुटाना;
- लागत बढ़ाए बिना परियोजनाओं को समय पर पूरा करना;
- लागत प्रभावी संगठनात्मक व्यवस्था बनाए रखना;
- रेविनिलि द्वारा प्रबंधित रेल संबंधित परियोजनाओं में सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा देना;
- देश में रेल संबंधित परियोजनाओं के सतत विकास और पर्यावरण अनुकूल निर्माण पद्धतियों के लिए प्रतिबद्ध अवसंरचना परियोजना निष्पादन कंपनी बनना;
नेशनल रेल विकास योजना
भारत सरकार ने बंदरगाहों के लिए रणनीतिक रेल संचार लिंक प्रदान करने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज और विकर्णों पर क्षमता संबंधी तंगियों को दूर करने, भीतरी भागों के लिए संचार में सुधार करने, बड़े-पुलों के निर्माण और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के विकास हेतु रेल क्षेत्र के लिए एक विस्तृत निवेश योजना तैयार की है। इस पहल को नेशनल रेल विकास योजना का नाम दिया गया है। तत्कालीन माननीय प्रधान मंत्री ने 2002 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए अपने भाषण में इस योजना की घोषणा की थी और इसे 26 दिसंबर, 2002 को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। नेशनल रेल विकास योजना में निम्नलिखित निवेश योजना घटक शामिल हैं:
- 4 मेट्रो शहरों यथा दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ने वाले स्वर्णिम चतुर्भुज और विकर्णों का सुदृढ़ीकरण
- कंटेनरों की संचलन के लिए मल्टी –मॉडल कॉरिडोर सहित भीतरी इलाकों तक रेल आधारित पोर्ट-कनेक्टिविटी और कॉरिडोर का विकास करना
- गंगा नदी पर पटना और मुंगेर में, ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में और कोसी नदी पर निर्मली में 4 बड़े पुलों का निर्माण करना।